ब्यूरो रिपोर्ट
ग्रेटर नोएडा वेस्ट: गौतमबुद्धनगर शासन प्रशासन के कानों पर बार बार, लगातार, मीडिया द्वारा ढोल पीटने पर भी, सच्चाई की तस्वीर आँखों के सामने रखने पर भी, आखिर क्यों करते हैं अन्धों और बहरों जैसा अभिनय ? क्यों नहीं उठाते इन भूमाफियाओं के खिलाफ, समय रहते कदम ?
शहर के इर्द गिर्द, चारों तरफ रिक्त पडी़ कोई जमीन, चाहे वह प्राधिकरण, नगर निगम, ग्राम सभा, सिंचाई विभाग, आबादी, भारतीय सेना, मंदिर, मस्जिद, कब्रिस्तान, मुर्दाघर, गौशाला यहाँ तक कि देश पर कुर्बान किसी शहीद की बेवा, बच्चों और बेसहारा बृद्धों को, उनके शेष जीवन के सहारे के तौर पर ही क्यों न दी गई हो, इन जहरीले साँपों के दंश का शिकार होना ही होता है। हकीकत तो यह है कि इस षडयंन्त्र और धूर्त में सपेरों के रूप में स्थानीय नेता, शासन, प्रशासन, न्यायपालिका और कार्यपालिका सब अपनी अपनी बीन बजाते हैं, जिसकी स्वरलहरी पर ही ये विषधर अपनी प्रतिक्रिया देते हैं।
स्थानीय ख़बरी, समाचार पत्रों और न्यूज चैनलों द्वारा दिन प्रतिदिन, समय पूर्व, इन भूमाफियाओं के काले कारनामें उजागर करने के बाद भी अथवा इनके द्वारा डसे गये किसी गरीब, असहाय के रोने-तड़पने पर भी ये सत्तासीन न्यायाधिकारी और दंडाधिकारी, करबट तो क्या उसकी तरफ पलक उठाकर भी नहीं देखते, क्यों कि उसी के खून और पसीने सें सनी, जिन्दगी की सारी कमाई का बन्दरबाट करना होता है…इन्हें। परिवार के एक एक सदस्य द्वारा चुने गये तिनकों और बच्चों के गुड्डे-गुड़ियों को मिलाकर जिस घोंषले के निर्माण का सपना देखा होता है, एक पल में नोंच डालते हैं, ये शैतान।
आखिर दोष क्या है
इनका ? यही न कि इन्होंने एक ऐसी छत का सपना देखा, जिसके शाम को थके हारे आकर, सर्दी-गर्मी या बरसात से अपने बृद्ध और बच्चों को सुरक्षित रख सकें।
विशेषत: छल-कपट, उचित-अनुचित से अनजान ये सीधे साधे गरीब, अशिक्षित लोग तो जमीन की वैद्यता से अनभिज्ञ होते ही हैं, पर आप सबका ज़मीर कहाँ मर जाता है ? जो इन ग़रीबों के रक्त और आँसुओं में भी शराब की बू आती है।
ग्रेट नोएड़ा वेस्ट बिसरख कोतवाली चौकी राइज क्षेत्र सोरख हिन्डन क्षेत्र खसरा नंबर 469,467,461,463, करीब 150 बीघे ग्राम सभा की जमीन पर निर्बाध गति से लेखपाल, कानूनगो और स्थानीय प्रशासन के पूर्ण सहयोग से प्लॉटिंग करके, भोली-भाली जनता के साथ विश्वाशघात और ठगी हो रही है, जिसके सम्बन्ध में बार बार अवगत कराने पर भी, किसी भी सम्बन्धित विभाग के कान पर जूं नहीं रेंगी।
मीडिया कर्मियों द्वारा षडयन्त्र के पीछे की निर्भीकता के बारे में पता करने पर
इस प्लॉटिंग के खेल में बराबर के हिस्सेदार ग्राम सोरखा, ग्राम तिगड़ी के कुछ दबंग निवासी है यह सब खेल शासन-प्रशासन के समर्थन और सहयोग बिना सम्भव नहीं। इसमें लेखपाल, कानूनगो और स्थानीय प्रशासन, सभी की मौन स्वीकृति के साथ साथ, प्राप्त आय का एक हिस्सा भी होता है, जो कि कार्य की सम्पन्नता के साथ ही उनके स्थान पर पहुँचा दिया जाता है।
आपको बतादे कि चौकी राइज हिंडन सोरखा खसरा 469,467,461,463 ग्राम सभा जमीन और डूब क्षेत्र जमीन को कब्ज़ा कर गैर कानूनी तरीके से भोले भाले बेबस लाचार लोगों को अपने झांसे में लेकर और उनका जीवन भर का सपना पूरा कराने के नाम पर उनकी मेहनत और जीवन भर की कमाई को डकार लेते हैं जिसके बाद वो गरीब लोग फस जाते हैं, सूत्रों की माने तो यह गैरकानूनी करने वाले भू माफियाओं पर कई मुकदमें दर्ज है लेकिन रसूख और सांठगांठ के कारण कोई भी इन दबंग भू माफियाओं पर कड़ी कार्रवाई नहीं हो पाई। जिसके शिकायतें पुलिस प्रशासन को सोशल मीडिया और अन्य माध्यमों से समय-समय पर प्राप्त होती रहती है लेकिन स्थानीय पुलिस और प्रशासनिक सब कुछ जानते भी अनजान बन जाता है और कार्यवाही नहीं करता है।
अनुज नेहरा SDM दादरी गौतम बध नगर
दादरी तहसील उप जिलाधिकारी अनुज नेहरा से हमारी बात हुई तो उनका कहना है कि हमारे पास बरवाली शिकायत आई है कल टीम भेज कर मैं जॉच कराती हूं, इसके बाद कार्रवाई की जाएगी।